हिमाचल प्रदेश चिकित्सा अधिकारी संघ कल करेगा पेन डाउन स्ट्राइक, चिकित्सकों की सुरक्षा को लेकर उठाई आवाज..
हिमाचल प्रदेश चिकित्सा अधिकारी संघ ने कोलकाता में महिला रेसिडेंट डॉक्टर की निर्मम हत्या और दुष्कर्म की घटना की कड़ी निंदा करते हुए 17 अगस्त को प्रदेशभर में पेन डाउन स्ट्राइक की घोषणा की है।
इस दौरान सभी चिकित्सा संस्थानों में ओपीडी सेवाएं दिन भर के लिए बंद रहेंगी। हालांकि, इमरजेंसी, इनडोर सेवाएं, एमएलसी, और पोस्टमॉर्टम जैसी आवश्यक सेवाएं चालू रहेंगी।
गौरतलब है कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने भी 17 अगस्त को देशभर में डॉक्टर्स द्वारा पेन डाउन स्ट्राइक का आह्वान किया है। इसी क्रम में हिमाचल प्रदेश चिकित्सा अधिकारी संघ ने भी इस हड़ताल में भाग लेने का निर्णय लिया है।
संघ ने डॉक्टरों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर केंद्र सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की है। संघ के अध्यक्ष डॉ. पियूष तिवारी ने बताया कि इस संदर्भ में स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को पत्र भेजा गया है, जिसमें चिकित्सकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए शीघ्र कार्रवाई की गुहार लगाई गई है।
इसके अलावा, ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ गवर्नमेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन और वेस्ट बंगाल मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन को भी समर्थन पत्र भेजे गए हैं।
संघ ने हिमाचल प्रदेश सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में मेडिपर्सन एक्ट के तहत चिकित्सीय सेवा-व्यक्ति तथा चिकित्सीय सेवा-संस्था (हिंसा और संपत्ति के नुकसान का निवारण) संशोधन अधिनियम, 2017 के तहत अभी तक अधिसूचना जारी नहीं की गई है। इसके अलावा, प्रदेश के 24×7 स्वास्थ्य संस्थानों में भी सुरक्षा के कोई ठोस इंतजाम नहीं किए गए हैं।
संघ ने माननीय मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अपील की है कि स्वास्थ्य संस्थानों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध करवाई जाए, ताकि हिमाचल प्रदेश में भी ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और रात्रि सेवाएं दे रहे महिला चिकित्सकों के मनोबल को बढ़ाया जा सके। संघ ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं की गईं, तो वे मुख्यमंत्री से मिलकर इस मामले को पुनः उनके समक्ष रखेंगे।
डॉ. पियूष तिवारी अध्यक्ष, हिमाचल चिकित्सा अधिकारी संघ, जिला सिरमौर, ने कहा कि संघ सरकार के साथ मिलकर चिकित्सकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में हर संभव कदम उठाए जाएंगे।