Saturday, July 27, 2024
spot_img

सिरमौर जनपद के धार्मिक-सामाजिक आयोजनों में यमुना शरद महोत्सव का अपना प्रमुख स्थान-सुमित खिमटा

उपायुक्त ने तीन दिवसीय राज्य स्तरीय यमुना शरद महोत्सव का किया शुभारंभ

सिरमौर जनपद के धार्मिक-सामाजिक आयोजनों में यमुना शरद महोत्सव का अपना प्रमुख स्थान-सुमित खिमटा

राज्य स्तरीय यमुना शरद महोत्सव सिरमौर जनपद में आयोजित होने वाले विभिन्न धार्मिक एवं सामाजिक आयोजनों में अपना प्रमुख स्थान रखता है, वर्ष भर क्षेत्रवासी इस आयोजन की प्रतीक्षा करते हैं। हम सबका सौभाग्य कि पवित्र यमुना नदी हमारे पांवटा साहिब क्षेत्र के कुछ भूभाग से होकर गुजरती है। भारत की सबसे पवित्र और प्राचीन नदियों में यमुना का स्मरण गंगा के साथ ही किया जाता है।

उपायुक्त सिरमौर सुमित खिमटा यह उदगार आज गुरूवार को पांवटा साहिब में 26 से 28 अक्तूबर तक आयोजित होने वाले तीन दिवसीय राज्य स्तरीय यमुना शरद महोत्सव के शुभारम्भ अवसर पर उपस्थित जनसभा को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये।

सुमित खिमटा ने दीप प्रज्वलित कर विधिवत रूप से कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने पवित्र यमुना नदी के धार्मिक और ऐतिहासिक उल्लेख करते हुए कहा कि यमुना जी केवल एक नदी नहीं है बल्कि इसकी परंपरा में प्रेरणा, जीवन और दिव्य भाव समाहित है। श्री कृष्ण जी की बाल लीलाओं से लेकर अवतारी चरित्र तक कितने ही आख्यान यमुना और कालिंदी से जुड़े हैं।

उन्होंने कहा कि युमना के साथ ही अपनी अन्य पवित्र नदियों और जलधाराओं की पवित्रता को बनाये रखना चाहिए। नदियों के तट पर स्वच्छता और साफ-सफाई का ध्यान देना चाहिए। साथ ही हमें नदी तट के समीप वाले क्षेत्रों में भवन निर्माण, खनन आदि के कार्यों को भी अत्यंत संयमित और नियमबद्ध होकर करने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि हाल ही में आई बाढ में हमने देखा कि किस प्रकार दिल्ली में यमुना नदी के कारण भारी जल प्रलय आया और दिल्ली वासियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। वैज्ञानिकों ने इसका कारण नदी के तटों से छेड़छाड़, नदियों में कूड़ा-कर्कट, प्लास्टिक और अन्य निर्माण सामग्री फैंकना आदि माना है।

उन्होंने पांवटा साहिब का ऐतिहासिक उल्लेख करते हुए कहा कि गुरू की नगरी पांवटा साहिब को दसवें सिख गुरु, श्री गुरू गोबिंद सिंह ने स्थापित किया था। इस जगह का नाम पहले पाओं-टिका था जो कालांतर में पांवटा साहिब बना। गुरु गोबिंद सिंह जी ने इसी स्थान पर गुरुद्वारा स्थापित किया और साथ ही अपने जीवन के साढ़े चार वर्ष यहीं गुजारे थे। यहां रहकर उन्होंने बहुत से साहित्य तथा गुरुवाणी की रचनांए भी की हैं। प्राचीन साहित्य का अनुभव और ज्ञान से भरी रचनाओं को सरल भाषा में बदलने का काम भी गुरु गोबिंद सिंह ने लेखकों से यहीं पर करवाया।

उन्होंने कहा कि महोत्सव के दौरान आयोजित होने वाली सांस्कृतिक संध्याओं में जहां हमारी संस्कृति का विस्तार और संरक्षण होता है वहीं पर इससे लोगों का मनोरंजन भी होता है। महोत्सव के अवसर पर आयोजन होनी वाली खेल कूद प्रतियोगिताओं मं युवा बढ़ चढ़ कर भाग लेते हैं जिससे युवाओं में भाईचारा के साथ खेल भावना बढ़ती है।
इससे पहले उपायुक्त ने यमुना घाट पर यमुना आरती में भाग लिया तथा विभिन्न विभागों द्वारा लगायी गई प्रदर्शनियों का अवलोकन भी किया।

एसडीएम पाँवटा साहिब गुंजीत सिंह चीमा ने टोपी शॉल व स्मृति चिन्ह भेंटकर मुख्यातिथि को सम्मानित किया।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक रमण कुमार मीणा,, तहसीलदार ऋषभ शर्मा, नगर परिषद की चेयरपर्सन निर्मल कौर और उपाध्यक्ष ओम प्रकाश कटारिया, पार्षदों सहित मेला समिति के पदाधिकारी एव अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
3,810FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles