बोर्ड कक्षाओं में खत्म हो सकता है टर्म सिस्टम..
शिक्षक संगठन कर चुके हैं विरोध, प्रदेश सरकार लेगी अंतिम फैसला…
सीबीएसई बोर्ड की तर्ज पर अब हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड भी टर्म परीक्षा प्रणाली को बंद कर सकता है। कारण यह कि टर्म सिस्टम को खत्म करने का विरोध कई शिक्षक संगठन कर चुके हैं।
शिक्षक संगठनों ने भी इसमें खामियां निकाली है। यही नहीं इस बारे में राजकीय अध्यापक संघ और अनुसूचित जाति, जनजाति कर्मचारी कल्याण संघ ने बोर्ड सचिव को ज्ञापन सौंप चुका है। ऐसे में अब सरकार इस बारे में जल्द ही फैसला ले सकती है। शिक्षक संगठनों का कहना है कि यह सिस्टम हिमाचल की भौगोलिक स्थिति के अनुसार नहीं है। वहीं टर्म प्रणाली स्कूलों में बच्चों का सर्वांगीण विकास करने में पूरी तरह से विफल है। दूसरी ओर बोर्ड की दसवीं, जमा दो कक्षा की टर्म एक व टर्म दो में परीक्षा बच्चों और उनके अभिभावकों के ऊपर आर्थिक बोझ बनी हुई है।
छह महीने के बाद टर्म परीक्षा हो रही है। साल में दो बार बच्चों को परीक्षा शुल्क और स्कूलों को रिटेंशन फीस जमा करवानी पड़ रही है। इससे अभिभावकों पर दोहरा आर्थिक बोझ पड़ रहा है। टर्म प्रणाली की परीक्षा का नुकसान बच्चों को जेईई मेन और नीट की परीक्षा में छात्रों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। टर्म की परीक्षा होने के छात्र टर्म टू की परीक्षा की तैयारी करता है, जबकि टर्म वन के सिलेबस को भूल जाता है। ऐसे में यह परीक्षा बच्चों की प्रतियोगी परीक्षा के लिए कारगर साबित नहीं हो सकती।